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सोमवार, ९ मार्च २००९
बरेली में बेसिक शिक्षा के महा भ्रष्टाचारी -बी एस ऐ
बेसिक शिक्षा विभाग बरेली -जहाँ भ्रष्टाचार एवं गबन घोटाला कार्य प्रगति पर
बरेली जनपद में इस वक्त बेसिक शिक्षा विभाग और सर्व शिक्षा अभियान महा बदहाली और दुर्गति के दौर से गुज़र रहा है.सरकार द्वारा अभियान की प्रगति और सभी के गुर्वत्तापरक प्राथमिक शिक्षा देने के संसाधन जुटाने के लिए अनुदान बजट खर्च किया जा रहा है,पर ये पैसा विभाग में कुछ भ्रष्टाचारी तत्वों के घोटालों और गबन की भेंट चार रहा है.बेसिक शिक्षा जहाँ “हर शाख पर उल्लू बैठा है,फिर अंजाम गुलिस्तान क्या होगा ।
शहर के करीबी विकास क्षेत्र में हालत फिर भी संतोष जनक हैं,पर सुदूर ग्रामीण ब्लाक में तो स्कूलों की दुर्गति और बदहाली शोचनीय है,शहर से ४५ किलोमीटर की दूरी पर बहेरी और दम्खोदा ब्लाक में बिव्हागीय नियमों निर्देशों और मानकों के अनुरूप कार्य तो दूर की बात है,यहाँ तो कार्य ही हो जाए तो एक बढ़ा आश्चर्य है.दम्खोदा ब्लाक के सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री शहीद हुसैन काफ़ी लम्बे समय से इस ब्लाक पर जमे हुए है,और महानगर बरेली के पीलीभीत बाय पास की फैक एन्क्लावे कालोनी में इनका निवास है,ये महोदय मधुमेह और एनी गंभीर रोगों के असामान्य जीवन के दौर से गुज़र रहे हैं।
अजब-गजब :दमखोदा ब्लाक में बेसिक शिक्षा
आश्चर्य जनक परन्तु अकाट्य सत्य
ब्लाक के एक चौथाई स्कूलों में एम् दी एम् (दोपहर का भोजन )न तो बनता है और न ही वितरित किया जाता है।
जिन स्कूलों में खाना बनता है वहां मेनू का पालन नही होता.ग्राम प्रधान एन पि आर सी और शिक्षा मित्र मिलकर घरीब बच्चों का खाना डकार रहे हैं,जिसमे ऐ बी एस ऐ का हिस्सा घर बैठे एन पी आर सी उन्हें पहुँचा देते हैं।
वजीफा वितरण में बुरी तरीके से घातला किया जा रहा है,फर्जी बच्चे लिखकर उनके नाम से गबन घोटाला किया जा रहा है ,कोई स्कूल इससे अछूता नहीं है,हद तो ये है की वजीफा वितरण केवल शिक्षा मित्रों के हस्ताक्षरों से ही वितरित कर दिया जाता है,रजिस्टर तक सही तरीके से नही बनाये जाते,हद तो ये है की विभाग को भेजे जाने वाले उपभोग प्रमाण पात्र तक पर हेड मास्टर ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के दस्त ख़त नही होते.
ऐ बी एस ऐ दमखोदा सामान्यता महीने में एक बार भी अपने ब्लाक मुख्यालय के कार्यालय में नहीं पहुँच पाते हैं ,ऐसी दशायों में स्कूलों के हालातों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
बी आर सी केन्द्र रिच्छा पर बना इनका कार्यालय सदैव बंद रहता है,पूरे ब्लाक की बागडोर इनके प्रतिनिधि के रूप में ,दो अध्यापक ब्रजेश और हरपाल ही सँभालते हैं.ये दोनों अध्यापक ऐ बी एस ऐ कार्यालय पर अवैध रूप से नियुक्त रहते हैं,इसी तरीके से कुच्छ और अध्यापक भी यहाँ नियुक्त हैं,जबकि ब्लाक में अध्यापको का तोता है,एक एक अध्यापक के ०८-०८ स्कूल तक चार्ज में हैं,पूरा ब्लाक शिक्षा मित्रों के द्वारा चलाया जा रहा है,फिर भी ४-६ अध्यापकों का कार्यालय पर रहना शोचनीय बिन्दु है .इससे भी आश्चर्य जनक विन्दु ये है की ये दोनों अध्यापक भी ब्लाक में कार्यालय पर महीने में दो या तीन बार ही पहुँचते है,इनका शेष समय महानगर बरेली में पीलीभीत बाय पास की एक कालोनी में इनके निवास पर अवैध रूप बनाये गए अस्थाई कैंप कार्यालय/अस्थाई ऐ बी एस ऐ कार्यालय में गुज़रता है,जो की ब्लाक मुख्यालय से ४५ किलो मीटर की दूरी पर है.जब घर का मुखिया ही इतनी गैरजिम्मेदाराना तरीके से कार्य करता है ,तो सेष सदस्य तो क्या गुल खिलते होंगे ,एपी अंदाजा लगा सकते हैं.
लोकतान्त्रिक/प्रजातान्त्रिक स्वतंत्र भारत में शासन द्वारा सदैव शिक्षा,उद्दोग,और रक्षा को प्राथमिकता देते हुए,बजट का एक बार भाग इन पर खर्च किया जाता रहा है.देश से गरीबी और बेरोज़गारी दूर करने कारगर समाधान केवल शत प्रतिशत साक्षरता द्वारा ही सम्भव है.लोकतंत्र में जनता को उसके वास्तविक लाभ प्राप्त करने और अधिकारों की रक्षा करने,जनसँख्या और भुखमरी पर लगाम लगाने का भी सबसे कारगर तरीका शत प्रतिशत साक्षरता प्राप्ति पर ही सम्भव है.
प्रस्तुतकर्ता gangajal from bareli पर १२:३१ AM 0 टिप्पणियाँ मुखपृष्ठ सदस्यता लें संदेश (Atom) समर्थक
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