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निकाह या धोखा:सारा खान और अली मर्चेंट रियेलिटी

Achche Din Aane Wale Hain
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रियेलिटी शो में अब एक और अजब-गज़ब गड़बड़झाला और घोटाला वो भी “बिग बॉस के घर में”………………. क्या भारतीय मीडिया इतना अपाहिज या शेखचिल्ली हो गया,कि उसमें सृजनात्मकता और कल्पनात्मक अभिव्यक्ति नाम की चीज़ ही नहीं रही……………..टी.आर.पी. के चक्कर में बखेड़े-पर-बखेड़ा…………जनता को उल्लू बनाना और चूना लगाना ही इनकी कलात्मकता और मौलिकता है.

जब कुछ न मिला तो झूठा निकाह ही दिखा दिया…….जैसे रियेलिटी नहीं गुड्डे-गुडिया का बच्चों का खेल ………….जब मन आया शादी करा दी……जब जी में आया बारात चड़ा दी……………बिग-बॉस में “सारा खान और अली चौरसिया जोकि पहले से शादी-शुदा जोड़ा है,और उनका निकाह पहले ही हो चुका है, दोनों का फिर से निकाह दिखाने का आखिर उद्देश क्या है ? क्या कोई मौलिक विषय नहीं मिल पाया,बुद्धि है,या भूसा भरा है दिमाग में….बिग बॉस के निर्माताओं में…………. सब के सब गोबर के कंडे घी में ताल रहे हैं…………अक्ल चली गयी है घास चरने……हर चीज़ उद्योग और व्यवसायिक अर्थशास्त्र पर निर्भर हो गयी है……………..आजकल भारत में “इलेक्ट्रानिक मीडिया में रियेलिटी शो फ्लू” शिक्षा के क्षेत्र में प्रबंधन और इंजीनयरिंग कालेज स्थापना” और मेडिकल सैक्टर में “चिकित्सा अनुसंधान संस्थान’ सब कुकुरमुत्ते की तरह जहां-तहां उग रहे हैं…..अंगूठा टेक लोग “प्रबंधन और इंजीनयरिंग कालेज” खोल रहे हैं…………..बस सब दाल-भात एक ही चम्मच के सहारे परोसी जा रही है.

इस्लाम के अनुसार एक वार निकाह के बाद,कुछ ही परिस्थितियों में दुवारा निकाह की आवश्यकता अनिवार्यता है…………एक यदि पत्नी को तलाक दे-दे…………बाद में यदि उनमें पुन साथ-साथ विवाह बंधन में आने की सहमती हो जाए……..तब निश्चित दिनों की इद्दत (एक निश्चित अवधि लगभग तीन माह से अधिक दिन के लिए नज़रबंद ज़िन्दगी गुजारना)…………………………इद्दत पूरी होने पर किसी अन्य व्यक्ति से उस औरत का विधिवत विवाह/निकाह हो,और कम-से-कम एक रात वो दोनों मियाँ-बीबी की तरह सम्बन्ध बनाएं और रहें………………….उसके वाद यदि वो अन्य व्यक्ति चाहे तो स्वेच्छा से नव विवाहिता पत्नी को रखे या तलाक दे (सामान्यता ऐसी परिस्थिति में तलाक देने वाला व्यक्ति ,जो बीबी को पुन रखना चाहता है,किसी अपने विश्वसनीय और निकट सम्बन्धी से अपनी तलाकशुदा बीबी का निकाह/विवाह करवाने को इस शर्त पर रजामंद कर लेता है,की वो अन्य व्यक्ति निकाह के वाद उसकी तलाक शुदा बीबी को एक रात रखने के वाद तलाक दे देगा,या अमुक अवधि में तलाक दे देगा),……………यदि वो अन्य व्यक्ति अगले दिन वादा नुसार तलाक दे दे ,तो वो औरत पुन: एक इद्दत उसी निश्चित अवधि की पूरी करे…………हलाला और .इद्दत के वाद पहला पति अपनी तलाकशुदा पत्नी की रजामंदी
से दुवारा निकाह कर सकता है,और पुन: वैध तरीके से वे दोनों मियाँ-बीबी का जीवन गुज़ार सकते हैं.

उपरोक्त स्थिति सारा खान और अली चौरसिया के प्रकरण में नहीं थी,फिर दुवारा निकाह क्यों ?

दूसरी स्थित है,यदि किसी कारण वश दिनी/धार्मिक वजहों से,या दुसरे से अवैध्य संवंध बनाने पर,या एक-दो वार ही “तलाक” शव बोलने पर निकाह मुकरु हो जाता है………….तब बिना किसी औपचारिकता के दुवारा निकाह दोहराया जा सकता है. ऐसी कोई स्थिति भी बिग बॉस के घर शादी /निकाह के संवंध में भी नहीं है.

तब तो ये दुवारा निकाह ढोंग और ढोंग के अतिरिक्त कुछ नहीं ,मात्र दर्शकों को वेवकूफ बनाना है………….पर इसमें सदी नायक बिग-बॉस भी शामिल हैं,और उनसे ऐसी घटिया और ओछी हरकत की कल्पना नहीं की जा सकती……………फिलहाल ये अच्छा नहीं है

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