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“धरती पर २१ दिसंबर २०१२ को प्रलय निश्चित है,और इस दिन हम सब की सामूहिक जीवन समाप्ति के साथ-साथ “धरती से समस्त मानव और जीव-जगत सहित सृष्टि का विनाश हो जाएगा.
“भविष्यवाणी अतिवादिता के अंधे-अभियान” पर विशवास रखते हैं,और आप पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से इन भविष्यवानियों से सहमत हैं. …………….और आप को पूर्ण विशवास है,कि
२१ दिसंबर २०१२ को “महान प्रलय” विनाशकारी और विघटनकारी घटना “क़यामत” आ ही जायेगी अर्थात आप का द्रण विशवास है,कि धरती का कोई जीव “२२ दिसंबर २०१२” का सूर्योदय नहीं देख पायेगा……….
और इस बात से आप भयभीत और सहमे हुए हैं,एवं स्वं को आगामी भविष्य के दो वर्षों में असुरक्षित अनुभव कर रहे है.
तो आप अपने कलेंडर पर,अपने जीवन के अंतिम दिन २१ दिसंबर २०१२ को चिन्हित कर लें,और जीवन कि उलटी गिनती प्रारम्भ कर दें…………………..
कृपया कलेंडर पर ये निशान “पेन्सिल (ग्रेफाईट पेन्सिल) से ही लगाएं”
२२ दिसंबर २०१२ का नवप्रभात “आपके जीवन के लिए,एक आश्चर्यजनक एवं स्वप्निल दिन होगा” और तब आपको २१ दिसंबर २०१२ पर लगाए गए चिन्ह को मिटाना ही पड़ेगा………………….
.क्योंकि २१ दिसंबर २०१२ को “कोई प्रलय की घटना ” अर्थात “क़यामत” नहीं आने वाली है.
ये मात्र मेरा निजी विचार नहीं,बल्कि इसकी पुष्टि सभी धार्मिक ग्रन्थ और “नास्त्रेस्देमस की भविष्यवानिया” कर रहीं हैं……
“एक दिन या एक वर्ष में घटने वाली घटना नहीं” बल्कि ये १०-१०० की अवधि की एक “दीर्घकालीन चरंवाध्य और क्रमागत घटना” है,क़यामत एक चरंवध छरण की लम्बी प्रक्रिया है.
अपने धर्मग्रंथों और नास्त्रेस्देमस की भविष्यवानियों के वे छुपे हुए “उद्धरण” और उनकी व्याख्या के लिए मेरे अगले ब्लॉग की प्रतीक्षा करें,………………..
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